
‘AAP की ‘एक्सचेंज पॉलिटिक्स’ से हलचल तेज’;आम आदमी पार्टी (AAP) ने लुधियाना पश्चिम उपचुनाव (Ludhiana West Bye-Election) के लिए मौजूदा राज्यसभा सांसद और उद्योगपति संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है और अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के राज्यसभा जाने का रास्ता खुल सकता है।
लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव क्यों
यह सीट विधायक गुरप्रीत गोगी (Gurpreet Gogi) के निधन के बाद खाली हुई थी। उनकी आत्महत्या के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी, जिसके लिए अभी तक चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा नहीं की है। हालांकि, AAP ने पहले ही संजीव अरोड़ा को अपना प्रत्याशी बना दिया है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि पार्टी एक खास रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है।
केजरीवाल का राज्यसभा में जाना तय?
संजीव अरोड़ा वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं, और अगर वे लुधियाना पश्चिम सीट से विधायक चुने जाते हैं, तो उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में AAP के पास एक खाली राज्यसभा सीट आ जाएगी, जिसे भरने के लिए पार्टी अरविंद केजरीवाल को भेज सकती है।
पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है, इसलिए यदि केजरीवाल को राज्यसभा भेजने की योजना बनाई जाती है, तो उनकी राह में कोई बड़ी बाधा नहीं आएगी। इससे केजरीवाल को संसद में सीधा प्रतिनिधित्व मिल सकता है और राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका और मजबूत हो सकती है।
AAP की ‘एक्सचेंज पॉलिटिक्स’ पर चर्चा तेज
AAP के इस फैसले से राजनीतिक हलकों में ‘एक्सचेंज पॉलिटिक्स’ की चर्चा तेज हो गई है। पार्टी इससे पहले भी कई बार अपने नेताओं को अलग-अलग भूमिकाओं में एडजस्ट करने के लिए ऐसी रणनीतियां अपनाती रही है। पंजाब की राजनीति में यह बड़ा बदलाव हो सकता है और आने वाले दिनों में इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी दिख सकता है।
अब देखना होगा कि चुनाव आयोग कब उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करता है और संजीव अरोड़ा चुनाव जीतते हैं या नहीं। लेकिन इतना तय है कि आम आदमी पार्टी की इस रणनीति से राजनीतिक हलचल और बढ़ने वाली है।