
लखनऊ, 13 जून 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सड़क नेटवर्क को और अधिक मजबूत बनाने के लिए चार नए एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर कुल 1050 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे यूपी के कई जिलों को हाई-स्पीड कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
कहां-कहां बनेंगे नए एक्सप्रेसवे?
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ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (900 करोड़ रुपये)
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को अब हरदोई और फर्रुखाबाद से जोड़ा जाएगा। यह नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे इन दोनों जिलों को सीधे प्रमुख मार्ग से जोड़ेगा, जिससे औद्योगिक विकास, आवागमन और भूमि की कीमतों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। -
विंध्य एक्सप्रेसवे (50 करोड़ रुपये)
गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक विस्तारित किया जाएगा। यह पूर्वांचल और दक्षिणांचल के बीच सुगम यातायात सुनिश्चित करेगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा। -
मेरठ-हरिद्वार लिंक (50 करोड़ रुपये)
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार मेरठ से हरिद्वार तक किया जाएगा। यह धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और कुंभ तथा चारधाम यात्रा के लिए यातायात सुविधा में सुधार करेगा। -
बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे (50 करोड़ रुपये)
यह नया एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को मध्य प्रदेश के रीवा से जोड़ेगा। इससे सीमावर्ती जिलों के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
विकास को मिलेगी गति
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट भाषण में कहा कि इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से प्रदेश के औद्योगीकरण, पर्यटन और कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, ये परियोजनाएं स्थानीय रोजगार सृजन और भूमि की कीमतों में वृद्धि के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगी।
निष्कर्ष
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को देश के सबसे अच्छे सड़क नेटवर्क वाले राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद प्रदेश के नागरिकों को तेज और सुगम यातायात सुविधा मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।