ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बुधवार की सुबह हैबतपुर गांव के डूब क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 10,000 वर्गमीटर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। एनजीटी के आदेश पर की गई इस संयुक्त कार्रवाई में ‘शिवम एंक्लेव’ नामक अवैध कॉलोनी में बने 10 से अधिक मकान और 15 बाउंड्री वॉल को गिराया गया।
यह है पूरा मामला
यह कार्रवाई ग्राम हैबतपुर के उन खसरा नंबरों पर की गई, जो हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में आते हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुछ कालोनाइजर चोरी-छिपे प्लॉटिंग कर ‘शिवम एंक्लेव’ नाम से अवैध कॉलोनी बना रहे थे। यह कॉलोनी मुख्य रूप से उन लोगों को निशाना बना रही थी, जो रोजगार की तलाश में ग्रेटर नोएडा आए हैं और सस्ती जमीन पर मकान बनाना चाहते हैं।
संयुक्त टीम ने की कार्रवाई
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर दायर एक याचिका के बाद यह कार्रवाई सामने आई। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, सिंचाई विभाग और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने बुधवार सुबह 7 बजे ऑपरेशन शुरू किया। करीब दो घंटे तक चले इस अभियान में 4 जेसीबी मशीनों और 3 डंपर की मदद से अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। कार्रवाई की निगरानी प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने की, जबकि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मौजूद रहा।
“अनुमति के बिना निर्माण अवैध”
प्राधिकरण के एसीईओ सुमित यादव ने इस मौके पर स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि ग्रेटर नोएडा की अधिसूचित सीमा में बिना अनुमति या बिना नक्शा पास कराए कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा, चाहे वह डूब क्षेत्र में हो या कहीं और। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि किसी भी प्लॉट या जमीन की खरीदारी से पहले प्राधिकरण से उसकी वैधता की पुष्टि अवश्य कर लें, ताकि उनकी मेहनत की कमाई बर्बाद न हो।
नागरिक ऐसे करें जांच
प्राधिकरण ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी भी प्रॉपर्टी में पैसा लगाने से पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय में संपर्क करके ज़मीन के दस्तावेजों और निर्माण की अनुमति की जांच कर लें। इससे उन्हें अवैध कॉलोनियों के चंगुल में फंसने से बचाया जा सकेगा।
