दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर ‘खतरनाक’ जोन में पहुँच गया है। ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार चला गया है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना दूभर हो रहा है। आने वाले दिनों में आतिशबाजी के बाद स्थिति और भी भयावह होने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि AQI स्तर 500 को पार कर सकता है।
बढ़ सकती हैं स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें
इस बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर दमा और सांस की अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों पर पड़ रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में इन मरीजों की परेशानियाँ काफी बढ़ सकती हैं। आम लोगों में भी आँखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें तेजी से सामने आ रही हैं।
नहीं हो रहा है पानी का छिड़काव
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए उठाए जाने वाले कदम केवल कागजों तक सीमित हैं। शहर की टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल पर काबू पाने के लिए पानी का छिड़काव करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन जमीन पर इसका पालन नहीं हो रहा है। इस लापरवाही के चलते हवा में धूल के कणों की मात्रा लगातार बढ़ रही है।
GRAP-2 के पाबंदियां हो सकती हैं लागू
वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा जल्द ही ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। हालांकि, कूड़ा और पराली जलाने पर पहले ही रोक लगा दी गई है और विभागीय टीमें इस पर नजर बनाए हुए हैं।
