हिंदी फिल्म और टेलीविजन जगत के लोकप्रिय हास्य एवं चरित्र अभिनेता सतीश शाह का आज निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह किडनी संबंधी बीमारी से लंबे समय से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर ने पूरे मनोरंजन उद्योग में शोक की लहर दौड़ा दी है।
एक युग का अंत: सतीश शाह का अविस्मरणीय सफर
सतीश शाह ने 1970 और 80 के दशक से अपने करियर की शुरुआत की और हाल के वर्षों तक सक्रिय रहकर दर्शकों का दिल जीता। उन्होंने हिंदी सिनेमा और दूरदर्शन दोनों जगहों पर अपनी एक अमिट पहचान बनाई।
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एक अमर भूमिका: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान और प्यार टीवी धारावाहिक ‘साराभाई वर्सस साराभाई’ में इंद्रवदन साराभाई के अपराजेय किरदार से मिला। यह किरदार आज भी दर्शकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
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फिल्मों में यादगार भूमिकाएं: उन्होंने फिल्मों में भी कई ऐसी भूमिकाएं निभाईं जो आज भी याद की जाती हैं। इनमें ‘जाने भी दो यारो’, ‘कॉ हो ना हो’, ‘मैं हूँ ना’ और ‘खिलाड़ी 786’ जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं।
उद्योग और प्रशंसकों में शोक
सतीश शाह का जाना न सिर्फ उनके करोड़ों प्रशंसकों, बल्कि पूरी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस दुखद खबर के बाद सोशल मीडिया पर उनके सह-कलाकारों, प्रशंसकों और मीडिया ने श्रद्धांजलि का सिलसिला शुरू कर दिया है।
उन्होंने हास्य और गंभीर, दोनों ही तरह के किरदारों को बखूबी निभाया और हर भूमिका में अपनी एक独特 छाप छोड़ी। एक चरित्र अभिनेता के तौर पर उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि लगन, विविधता और निरंतरता ही किसी भी कलाकार के लंबे और सफल करियर की चाबी हैं। वह युवा और उभरते कलाकारों के लिए हमेशा एक प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
