सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस भूषण गवई ने केंद्रीय विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर जस्टिस सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की है। जस्टिस गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, जिसके बाद जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं।
वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में जस्टिस सूर्यकांत सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। परंपरा के अनुसार, रिटायर होने से पहले मौजूदा सीजेआई द्वारा अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की जाती है। माना जा रहा है कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा।
जस्टिस सूर्यकांत का सफर
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसी वर्ष हिसार जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की। वर्ष 2004 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 5 अक्टूबर 2018 को वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए। उनकी छवि एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय जज के रूप में है।
महत्वपूर्ण फैसलों में भूमिका
अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कई संवैधानिक और सामाजिक मामलों में महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जिससे उन्हें न्यायिक क्षेत्र में विशेष पहचान मिली है।
