श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में सभी प्रमुख निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। मुख्य मंदिर के साथ-साथ परकोटा क्षेत्र में बने छह प्रमुख मंदिरों पर ध्वजदंड और कलश की स्थापना विधिवत संपन्न हो गई है, जिससे अयोध्या अपने ऐतिहासिक क्षण के करीब पहुंच गई है।
मंदिर परिसर में पूर्ण हुए सभी प्रमुख कार्य
परिसर में भगवान शिव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है। इसके अलावा सप्त ऋषि मंडपों – महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी और ऋषि पत्नी अहल्या के मंदिरों का निर्माण भी संपन्न हुआ है। संत तुलसीदास मंदिर के निर्माण कार्य को भी पूर्णता मिल चुकी है।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर जोर
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक कार्य पूरे किए जा चुके हैं। एलएंडटी कंपनी द्वारा सड़कों और फ्लोरिंग पर पत्थर बिछाने का कार्य पूरा किया जा रहा है, वहीं जीएमआर समूह द्वारा 10 एकड़ में पंचवटी क्षेत्र की लैंडस्केपिंग और भूमि सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।
शेष कार्य जारी
फिलहाल केवल वे कार्य शेष हैं जिनका सीधा संबंध श्रद्धालुओं से नहीं है, जैसे 3.5 किलोमीटर लंबी परिसर की चारदीवारी, ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह और सभागार का निर्माण। अयोध्या अब उस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा कर रही है जब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के द्वार विश्वभर के भक्तों के लिए खुलेंगे।
