उत्तर प्रदेश शासन ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे ग्रेटर नोएडा के एडीएम (न्यायिक) भैरपाल सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका तत्काल तबादला कर दिया है। शिकायत और न्यायालय के आदेश के बाद शासन ने उन्हें लखनऊ में राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
मामला ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कलेक्ट्रेट का है, जहां तैनाती के दौरान एडीएम भैरपाल सिंह और दो अन्य अधिकारियों पर रिश्वत लेकर कार्य कराने के आरोप लगे थे। शिकायतकर्ता देवराज नागर ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया कि एडीएम ने अनियमित तरीके से घूस लेकर काम कराने का दबाव बनाया था।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ केस
कोर्ट के निर्देश पर सूरजपुर थाने में 10 अक्टूबर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिला न्यायालय के आदेश के आधार पर धारा 173 (बी) के तहत दर्ज मामले की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई, जिसके बाद उनका तबादला लखनऊ कर दिया गया।
जीरो टॉलरेंस की नीति का असर
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत की गई है। प्रशासनिक हलकों में इस तबादले को एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि शासन किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा।
