
दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन आज यानी गुरुवार को नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव सदन में रखा गया। नजफगढ़ से विधायक नीलम पहलवान ने मांग की है कि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ किया जाए…
नजफगढ़ से विधायक नीलम पहलवान ने शून्यकाल के दौरान नजफगढ़ का नाम बदलने का मुद्दा उठाया। नीलम पहलवान ने कहा कि मेरी विधानसभा दिल्ली ग्रामीण की है। साथ ही बताया कि यहां से हरियाणा की तीन सीमाएं मिलती हैं…
लोगों पर खूब अत्याचार किए गए
उन्होंने कहा कि जब मुगल शासक बादशाह आलम द्वितीय ने नजफगढ़ पर कब्जा किया तो लोगों पर खूब अत्याचार किए गए। लेकिन राजा नाहर सिंह ने 1857 की क्रांति में लड़ाई लड़ी और नजफगढ़ क्षेत्र को दिल्ली प्रांत में शामिल किया।
कई प्रयास किए गए, लेकिन नाम नहीं बदला
विधायक नीलम पहलवान का कहना है कि कई कागजी औपचारिकताओं के बावजूद नजफगढ़ का नाम नहीं बदला गया। हमने कई बार अपील भी की, लेकिन नाम नहीं बदला गया। बताया कि उस समय सांसद प्रवेश वर्मा के माध्यम से कई बार प्रयास किया गया, लेकिन नाम नहीं बदला गया। अब उन्होंने सीएम रेखा गुप्ता से नजफगढ़ का नाम बदलने की मांग की है।
विधायक मनोज शौकीन ने नजफगढ़ नाले की सफाई का मुद्दा उठाया। वहीं विपक्ष की ओर से सदन में सिर्फ आप विधायक अमानतुल्लाह खान ही मौजूद रहे।
दूसरी ओर गोंडा से विधायक अजय महावर ने कहा कि हम सब जानते हैं कि हम लोग लंबे समय से जलापूर्ति और सीवर की समस्या को लेकर सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में छह सीवर लाइन हैं, लेकिन सभी जाम हैं।
इससे दिल्ली के लोगों की आंखें भी पूरी तरह से खुल जाएंगी
सतीश उपाध्याय ने सदन में कहा कि आज सदन में ऐसे मुद्दे पर चर्चा हो रही है जो दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य, दिल्ली के लोगों की सुरक्षा और दिल्ली के लोगों के भरोसे से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद एक ऐसा सच सामने आया है, जो दिल्ली की जनता की आंखें भी पूरी तरह से खोल देगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मैं आपके सामने एक ऐसा सच भी लाया हूं, जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब कर देगा। उन्होंने खुद को एक ईमानदार और पारदर्शी पार्टी कहा, लेकिन आज यह पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है।
सीएजी की रिपोर्ट ने दिल्ली की नई शराब नीति में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को उजागर किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग करते हुए उस पैसे का पूरी तरह से दुरुपयोग किया गया।
लेकिन सिस्टम इंटीग्रेटर द्वारा इसे चलाने में असमर्थता के कारण यह मई 2020 से कार्यात्मक नहीं था। मार्च 2021 में 3,697 बसों में सीसीटीवी सिस्टम लगाए गए और उन्हें चालू किया गया तथा ठेकेदार को 52.45 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान जारी किया गया, जबकि सिस्टम की उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षण लंबित होने के कारण यह सिस्टम चालू नहीं हो सका। इस प्रकार, यह सिस्टम मई 2023 तक बसों में पूरी तरह से चालू नहीं हो सका।