
जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने पटना के गांधी मैदान में दलित समागम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में एनडीए के तमाम नेता जुटे नजर आए. हालांकि, एक दिलचस्प वाकया भी हुआ, जिसने बिहार की सियासत में नई हलचल ला दी है।सीएम नीतीश कुमार चंद मिनटों में ही दलित समागम से लौट गए।
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार दलित समागम में हिस्सा लेने पहुंचे, लेकिन उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया. उन्होंने कार्यक्रम की बधाई दी और कहा कि आप लोगों को आशीर्वाद देने आए हैं. आप लोग अपना काम करें. हमारी पार्टी की बैठक अभी होने वाली है, इसलिए मैं जा रहा हूं। हैरानी की बात यह रही कि नीतीश कुमार मंच पर बैठे ही नहीं।
2.5 मिनट में ही चले गए सीएम नीतीश
सीएम नीतीश 2.5 मिनट में ही वहां से चले गए. मंच से यह भी घोषणा की गई कि सीएम नीतीश कुमार किसी खास काम से जा रहे हैं। अब नीतीश ने बैठक की बात तो की, लेकिन राजनीतिक गलियारों में गड़बड़ शुरू हो गई है। कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर नीतीश इतनी जल्दी समागम से क्यों चले गए? गौरतलब है कि मंत्री विनय चौधरी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आए थे और सभा को संबोधित किए बिना ही मुख्यमंत्री के साथ चले गए। मंच पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद थे।
मंच पर कौन-कौन थे मौजूद?
उपमुख्यमंत्री के अलावा हम पार्टी के संस्थापक केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और टेकारी विधायक डॉ. अनिल कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर, सभी विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद थे।
इससे पहले गुरुवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जीतन राम मांझी के बेटे ने दलित समागम की तैयारियों का जायजा लिया था। उस दौरान उन्होंने दावा किया था कि राज्य के सभी जिलों से दलित, वंचित और अनुसूचित जाति के करीब एक लाख लोग रैली में शामिल होंगे।
संतोष सुमन ने यह भी बताया था कि दलित सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, हम के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा समेत एनडीए के अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार, प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण आदि भी उपस्थित थे।