
यह एक दिल को छू लेने वाली और प्रेरणादायक कहानी है। एक ऐसा लड़का, जिसने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपने पिता को खो दिया, बता दे की वो अपने परिवार के साथ पहलगाम बैसरन घाटी में वादियों की खूबसूरती का मजा ले रहे थे। लेकिन किसे पता था की
पाकिस्तान से दरिंदे आएंगे और 26 लोगों का धर्म पूछकर उन्हें मौत के घाट उतार देंगे. इन्हीं 26 लोगों में एक थे महाराष्ट्र के हेमंत जोशी. अभी उनकी हत्या को एक महीना भी नहीं हुआ है कि इधर उनके बेटे ध्रुव ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की। लड़के के पिता, जो इस कायराना हमले में मारे गए, जो की पुरे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। इस गहरे दुख और भावनात्मक उथल-पुथल के बावजूद, जो अपने पिता के बेहद क़रीब था, जो हमेशा उसे मेहनत से पढ़ने और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करते थे। उसकी इस सफलता ने न केवल उसके समुदाय बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों को प्रेरित किया है, खासकर उन बच्चों को जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। लड़के ने 10वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने ग़म को प्रेरणा में बदल दिया।