
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 53वें जन्मदिन पर एक अद्भुत और प्रतीकात्मक क्षण सामने आया — वह सपना साकार हुआ जिसे गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने संजो कर रखा था।
यह विशेष अवसर एक आध्यात्मिक संयोग और ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जो उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ और उनके गुरु द्वारा संजोए गए उस दिव्य दृष्टिकोण की पूर्ति है। जो सपना उन्होंने गोरक्षपीठ के लिए देखा था, उसे योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में साकार होते देखा गया है।
समर्थकों और श्रद्धालुओं के लिए यह एक असाधारण संयोग है कि यह दीर्घकालिक लक्ष्य ठीक उनके जन्मदिन के दिन पूरा हुआ, जिससे यह अवसर और भी खास बन गया। यह उपलब्धि योगी आदित्यनाथ को न केवल एक राजनीतिक नेता के रूप में, बल्कि गोरखनाथ परंपरा के आध्यात्मिक torch bearer (ध्वजवाहक) के रूप में भी सुदृढ़ करती है।