
नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-164 को मोबाइल और सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र (मैन्युफैक्चरिंग हब) के रूप में विकसित करने का फैसला किया है। इसके लिए प्राधिकरण ने इस सेक्टर में उपलब्ध 6 बड़े प्लॉट्स (5,000 से 8,000 वर्गमीटर) को इलेक्ट्रॉनिक परियोजनाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा है। ये प्लॉट पहले औद्योगिक उपयोग के लिए चिह्नित थे, लेकिन नोएडा एयरपोर्ट की निकटता, एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के तेजी से विकास को देखते हुए अब इन्हें इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कई अहम प्रस्ताव
बृहस्पतिवार को हुई बोर्ड बैठक में 25 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:
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सेक्टर-145 में बेगमुपर गांव की 31.3828 हेक्टेयर जमीन पर सड़क, सीवर और नालियों का निर्माण।
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सिटी बस सेवा के संचालन से जुड़े प्रस्तावों पर समिति की सिफारिशें।
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6 श्रेणियों में प्लॉट आवंटन की नई योजना, जिसमें औद्योगिक, आवासीय, आईटी-संस्थागत, ग्रुप हाउसिंग और वाणिज्यिक प्लॉट शामिल हैं।
नोएडा का बढ़ता इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्लस्टर
नोएडा पहले से ही देश के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण केंद्रों में से एक है, जहां सैमसंग, लावा और डिक्सन जैसी कंपनियां सक्रिय हैं। सेक्टर-164 को मोबाइल और सेमीकंडक्टर हब बनाने से यह क्षेत्र और अधिक निवेश आकर्षित करेगा। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और उत्तर प्रदेश की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भूमिका मजबूत होगी।
आगे की योजनाओं में प्राधिकरण एक यूनिफाइड पॉलिसी के तहत प्लॉट आवंटन करेगा, जिसके लिए जल्द ही ब्रोशर जारी किया जाएगा। इस पहल से नोएडा देश के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में उभर सकता है।