
गाजियाबाद – पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद उत्तर प्रदेश से कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर यह यात्रा सनातन परंपराओं के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है। रविवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन से पहले जत्थे को भव्य समारोह के बीच रवाना किया गया।
✨ शिवमय वातावरण में हुआ यात्रा का शुभारंभ
यात्रा की शुरुआत भगवान शिव की आराधना के साथ हुई, जहां डमरू, मृदंग, तुरही और ढोलक की ध्वनियों ने पूरे वातावरण को दिव्य बना दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर सभी नेता, अधिकारी और श्रद्धालु एक सुर में “हर हर महादेव” के जयघोष करते नजर आए।
🚌 39 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना
इस पहले जत्थे में 39 तीर्थयात्री शामिल हैं, जिनमें दो लाइजनिंग अधिकारी भी हैं। हालांकि पहले 46 यात्रियों का पंजीकरण हुआ था, लेकिन कुछ स्वास्थ्य कारणों से यात्रा में शामिल नहीं हो सके।
🎁 यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं
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रुद्राक्ष माला और फास्ट-ट्रैक दर्शन कार्ड: यात्रियों को वापसी पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से रुद्राक्ष माला और एक विशेष दर्शन कार्ड दिया जाएगा, जो एक साल तक वैध रहेगा।
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परिवार के साथ प्राथमिकता दर्शन: इस कार्ड के जरिए यात्री और उनके चार परिजनों को काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष दर्शन का लाभ मिलेगा (विशेष पर्वों को छोड़कर)।
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1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता: उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थयात्रियों को आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए ₹1 लाख की सहायता राशि की घोषणा की है।
🗣️ नेताओं ने क्या कहा?
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धर्मार्थ कार्य मंत्री जयवीर सिंह: “यह यात्रा योगी सरकार की धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
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सांसद अतुल गर्ग: “यह भारत के धार्मिक गौरव को पुनर्जीवित करने का ऐतिहासिक क्षण है।”
📌 क्यों है खास यह यात्रा?
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है, जहां भगवान शिव का निवास माना जाता है। योगी सरकार ने इसे फिर से शुरू करके लाखों भक्तों की आस्था को नई ऊर्जा दी है।