
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एनएचआरसी के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर विचार किए जाने की खबरों को झूठ बताया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर विचार किए जाने की मीडिया रिपोर्टें झूठी हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार डीवाई चंद्रचूड़ को एनएचआरसी का नया अध्यक्ष बनाने जा रही है। इस पर उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘यह झूठ है। फिलहाल मैं अपनी रिटायर्ड लाइफ का लुत्फ उठा रहा हूं।’
1 जून से खाली है पद
आपको बता दें कि एनएचआरसी के अध्यक्ष का पद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा के 1 जून को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद से खाली है। सूत्रों ने एजेंसी को बताया था कि 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने एनएचआरसी के अगले अध्यक्ष का चयन करने के लिए बैठक की थी।
खड़गे और राहुल भी बैठक में शामिल हुए थे
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी क्रमश: राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर बैठक में शामिल हुए थे। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा जून, 2021 में नियुक्त होने के बाद अधिकार पैनल के आठवें अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।
एनएचआरसी को नियंत्रित करने वाले कानून के अनुसार, एनएचआरसी प्रमुख का चयन करने वाली समिति का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उपसभापति इसके सदस्य होते हैं।
विजय सयानी कार्यवाहक अध्यक्ष हैं
न्यायमूर्ति मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद विजय भारती सयानी एनएचआरसी की कार्यवाहक अध्यक्ष बनीं। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा एनएचआरसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाता है। पूर्व सीजेआई एच एल दत्तू और के जी बालकृष्णन भी पहले इस अधिकार निकाय के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं।