
दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार का शोर आज यानी सोमवार शाम को थम जाएगा। पिछले कई दिनों से सभी पार्टियों के बड़े नेता प्रचार में जुटे हैं। एक दूसरे पर तीखे हमले किए जा रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाने से दिल्ली के चुनावी रण में नया विवाद खड़ा हो गया है।
वहीं, केंद्रीय बजट में 12 लाख तक आयकर छूट की घोषणा से भी चुनावी समीकरण प्रभावित होने की बात कही जा रही है। दिल्ली की सभी सीटों पर कांटे की टक्कर है। आम आदमी पार्टी के सामने चौथी बार सत्ता में वापसी की चुनौती है।
आप सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही
आप अपने कार्यकाल में मुफ्त बिजली-पानी और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के बल पर सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए उसने महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने समेत विभिन्न वर्गों के लिए कई गारंटियों की घोषणा की है।
इसके जवाब में भाजपा और कांग्रेस ने भी महिलाओं को 2500 रुपये देने समेत बुजुर्गों, युवाओं और अन्य वर्गों से कई वादे किए हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले बागियों के कारण आप की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। उसके आठ विधायक और छह पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।
इस आरोप को लेकर उन्होंने आप को घेरना शुरू कर दिया
ऐसे में पार्टी के सामने अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने की चुनौती है। हाल ही में यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से नया विवाद शुरू हो गया है। केजरीवाल ने हरियाणा पर पानी को जहरीला बनाने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने आक्रामक तरीके से पलटवार करते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की। प्रधानमंत्री से लेकर अन्य नेताओं ने इस आरोप को लेकर आप को घेरना शुरू कर दिया।
इससे भाजपा को उम्मीद जगी
उन्होंने इसे दिल्ली और हरियाणा की जनता के बीच संबंधों से जोड़ा। इस विवाद से हरियाणा से सटे विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी समीकरण बदलने की संभावना है। केंद्रीय बजट में 12 लाख तक आयकर छूट की घोषणा का असर दिल्ली चुनाव पर भी पड़ सकता है।
यही वजह है कि प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा नेता चुनावी मंच से इस मुद्दे को उठा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि मध्यम वर्ग का ख्याल सिर्फ भाजपा ही रखती है। पिछले विधानसभा चुनाव में मध्यम वर्ग को लुभाने में विफल रही भाजपा को इससे उम्मीद जगी है।
वहीं, आप भी मध्यम वर्ग का मुद्दा उठाकर मध्यम वर्ग को अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। हाल ही में केजरीवाल ने मध्यम वर्ग के लिए अलग से घोषणापत्र जारी किया था और उनके लिए आयकर छूट समेत कई मांगें केंद्र सरकार के सामने रखी थीं।
केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा
आप नेता दावा कर रहे हैं कि उनके दबाव के चलते केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। देर से ही सही, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा समेत अन्य बड़े नेता अपने प्रत्याशियों के प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतर आए हैं।
विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
राहुल और प्रियंका अपनी चुनावी रैलियों में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं। दोनों ही आप सरकार पर भ्रष्टाचार और शीशमहल का मुद्दा उठा रहे हैं। इसके साथ ही वे केंद्र की आप सरकार पर महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। उनके प्रचार में उतरने से कांग्रेस प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया है। उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
आप और भाजपा को नई दिल्ली, कालकाजी, जंगपुरा, बादली, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, उत्तम नगर, बादली, सीलमपुर, बिजवासन, बवाना समेत कई सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों से कड़ी चुनौती मिल रही है।