
मुट्ठीगंज के सत्तीचौरा मोड़ के पास पिछले साल 18 मार्च को दंपती को जिंदा जलाने के मामले में वांछित चार महिलाओं को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। ये सभी करीब 11 महीने से वांछित थीं। मुट्ठीगंज पुलिस इनकी तलाश कर रही थी।
मुट्ठीगंज के सत्तीचौरा मोड़ के पास पिछले साल 18 मार्च को देर रात चार लोगों को घर में बंद कर आग लगा दी गई थी। इसमें टिंबर कारोबारी राजेंद्र केसरवानी (65) और उनकी पत्नी शोभा (60) जिंदा जल गए थे। बेटी शिवानी और साली लवली भी झुलस गई थीं।
82 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
परिजनों की तहरीर पर कारोबारी की बहू के मायके पक्ष के 10 नामजद समेत 82 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। घटना के दूसरे दिन पुलिस ने सरदार लाल और उसके बेटे अंशू समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। घटना तब हुई थी जब टिंबर कारोबारी की बहू अंशिका केसरवानी ने फांसी लगाकर जान दे दी थी।
ससुराल वालों ने किया हंगामा
इससे ससुराल वालों ने हंगामा किया। हालांकि मृतका के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज किया गया, जिसमें मृतका के पति को पुलिस ने काफी देर बाद गिरफ्तार किया।
चार महिलाएं थीं वांछित
पूरे प्रकरण में राजेंद्र और उसकी पत्नी को जिंदा जलाने के मामले में चार महिलाएं वांछित थीं। सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। मुट्ठीगंज थाना प्रभारी सुनील बाजपेयी का कहना है कि चारों महिलाएं वांछित थीं, जिन्हें जेल भेज दिया गया है।
मोबाइल और लैपटॉप शोरूम में छापेमारी
प्रयागराज: राज्य जीएसटी की टीम ने गुरुवार दोपहर इंदिरा भवन स्थित मोबाइल और लैपटॉप शोरूम पर छापा मारा। दस्तावेज, लैपटॉप आदि जब्त किए गए। दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर यहां लाखों की टैक्स चोरी की जा रही थी। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कितने की टैक्स चोरी की गई है।
राज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त शक्ति प्रताप सिंह को कुछ दिन पहले सूचना मिली कि इंदिरा भवन के भूतल पर मोबाइल और लैपटॉप शोरूम में दस्तावेजों में हेराफेरी कर टैक्स चोरी की जा रही है। उन्होंने इसकी सूचना एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू दीनानाथ को दी और गोपनीय जांच कराई। शिकायत सही पाई गई।
एक-एक दस्तावेज की जांच की
गुरुवार दोपहर संयुक्त आयुक्त के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर संजीव कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर राजेंद्र यादव, राजेश सिंह, अरविंद कुमार आदि ने शोरूम पर छापा मारा। इससे शोरूम संचालक और वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सभी दस्तावेज जब्त कर लिए गए। एक-एक दस्तावेज की जांच की गई।
लैपटॉप पर दर्ज स्टॉक और बिक्री की जांच की गई। इसके बाद अधिकारियों ने दस्तावेज और लैपटॉप जब्त कर लिया। इस दौरान संचालक से पूछताछ की गई, लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।