
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 500 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए मंदिर फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। सरकार ने मंदिर के आसपास की 5 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने का भी निर्देश दिया है। यह मंजूरी कुछ कड़े शर्तों के साथ दी गई है, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा की अधिग्रहित भूमि देवता के नाम पर रजिस्टर्ड होगी।
कॉरिडोर के समर्थकों का कहना है कि यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचेगा, जबकि आलोचकों ने पर्यावरणीय प्रभावों और सतत विकास की आवश्यकता को लेकर चिंता भी व्यक्त की है। इस फैसले के साथ राज्य सरकार परियोजना को आगे बढ़ा सकती है। जैसे-जैसे इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा, सभी संबंधित पक्ष परियोजना की प्रगति पर नजर रखेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह परियोजना बांके बिहारी मंदिर की सांस्कृतिक महत्ता को बनाए रखते हुए आधुनिक सुविधाएं प्रदान करे।