
शनिवार को पुलिस ने वसंत कुंज स्थित जय हिंद कैंप में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान चलाया। निवासियों से नागरिकता और पहचान के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं और उन्हें सत्यापन के लिए संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है। कैंप में बड़ी संख्या में बंगाली लोग रहते हैं। इनमें बांग्लादेशी नागरिकों के अपनी पहचान छिपाने की आशंका है। अभियान के तहत पुलिस ने करीब 200 लोगों के पहचान और नागरिकता के दस्तावेज जुटाए हैं। दो दिन पहले पुलिस ने संगम विहार की झुग्गियों में भी सत्यापन अभियान चलाया था। निवासियों से सत्यापन के लिए पहचान के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। पुलिस (दिल्ली पुलिस) के मुताबिक, निवासियों से सत्यापन के लिए सभी पहचान के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। अगर कोई संदिग्ध लगता है तो उसका पहचान पत्र सत्यापन के लिए संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है। सत्यापन प्रक्रिया में अगर कोई अवैध रूप से रहता हुआ पाया जाता है तो उसे एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के समक्ष पेश कर वापस उसके देश भेज दिया जाता है।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक बैठक कर दिल्ली पुलिस को अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत पुलिस ने प्रवासियों की पहचान के लिए वसंत कुंज जय हिंद कैंप में सत्यापन अभियान चलाया।
लोगों के वोटर कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज चेक कर रही पुलिस
पुलिस ने झुग्गियों में रहने वाले लोगों से पहचान प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज लिए। अब इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी, ताकि संदिग्धों के मूल निवास का पता चल सके। इसी तरह का अभियान छह मार्च को संगम विहार रतिया मार्ग पर भी चलाया गया था। पुलिस को आशंका है कि इन इलाकों में झुग्गियों में रहने वाले लोग संदिग्ध पाए जा सकते हैं।
पुलिस इन लोगों के वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज चेक कर रही है। इसके अलावा पुलिस इंटरनेट मीडिया की भी जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि ये लोग बांग्लादेशी नागरिकों के संपर्क में तो नहीं हैं। संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, ताकि पता चल सके कि कहीं उन्हें बांग्लादेश से पैसा तो नहीं भेजा जा रहा है।